रेलवे ALP के लिए मोस्ट करंट Gk
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:hibiscus: भारत ने संयुक्त राष्ट्र के शान्ति मिशन के लिए जितने लाख डॉलर का योगदान दिया-3 लाख डॉलर
:hibiscus: हाल ही में भारत में परिवर्तित सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमान को जिस भारतीय सेना में शामिल किया गया- भारतीय वायुसेना
:hibiscus: किसानों की आय जिस वर्ष तक दोगुना करने के लिए बनी राज्यपालों की समिति ने राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट दे दी है-2022
:hibiscus: इन्हें हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय का निदेशक नियुक्त किया गया- संजय मिश्रा
:hibiscus: इन्हें हाल ही में ब्राज़ील का राष्ट्रपति घोषित किया गया - जेयर बोलसोनारो
:hibiscus: ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और स्ट्रटीजिक फोरसाइट ग्रुप (SFG) की रिपोर्ट में इस देश को सीरिया से भी तीन गुना अधिक खतरनाक बताया गया है – पाकिस्तान
:hibiscus: केन्या के निवासी एवं धावक जिन्होंने 58 मिनट 18 सेकंड से नया वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाते हुए पहला स्थान हासिल किया - अब्राहम किपटुम
:hibiscus: इसरो के पूर्व चीफ का नाम जो हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए – माधवन नायर
⇛ विलुप्त होती प्रजातियाँ
1970 से 2014 तक मछली, पक्षियों, स्तनधारियों, उभयचर और सरीसृपों की आबादी में औसतन 60% की कमी हुई है और इसी अवधि में ताज़े पानी में रहने वाली प्रजातियों की आबादी में 83% की कमी आई है।
1960 से अब तक वैश्विक पारिस्थितिकीय पदचिह्न (footprint) में 190% से अधिक की वृद्धि हुई है।
वैश्विक स्तर पर 1970 से अब तक आर्द्रभूमि की सीमा में 87% की कमी हुई है।⇛ सिकुड़ते वन क्षेत्र
वन क्षेत्र में ह्रास का मुख्य कारण मानव द्वारा दिनों-दिन बढ़ता वन संसाधनों का उपभोग है। ऊर्जा, भूमि और पानी की बढ़ती मांग के चलते प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन जारी है। उपभोग संकेतक जैसे - पारिस्थितिक पदचिह्न (Ecological Footprint), इस समग्र संसाधन उपभोग की एक तस्वीर प्रस्तुत करते हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि किस सीमा तक पर्यावरण क्षतिग्रस्त हो चुका है।
पिछले पाँच दशकों में अमेज़न वर्षावन का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा (दुनिया का सबसे बड़ा वर्षावन) विलुप्त हो गया है। उष्णकटिबंधीय वनों की कटाई भी लगातार जारी है, मुख्य रूप से सोयाबीन, ताड़ के वृक्ष और मवेशियों के चरागाह के रूप में इनका इस्तेमाल दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है।
वैश्विक स्तर पर वर्ष 2000 से 2014 के बीच दुनियाभर में 920,000 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र नष्ट हो गया, जो लगभग पाकिस्तान या फ्राँस और जर्मनी के आकार के बराबर क्षेत्र था।
1970 से 2014 तक मछली, पक्षियों, स्तनधारियों, उभयचर और सरीसृपों की आबादी में औसतन 60% की कमी हुई है और इसी अवधि में ताज़े पानी में रहने वाली प्रजातियों की आबादी में 83% की कमी आई है।
1960 से अब तक वैश्विक पारिस्थितिकीय पदचिह्न (footprint) में 190% से अधिक की वृद्धि हुई है।
वैश्विक स्तर पर 1970 से अब तक आर्द्रभूमि की सीमा में 87% की कमी हुई है।⇛ सिकुड़ते वन क्षेत्र
वन क्षेत्र में ह्रास का मुख्य कारण मानव द्वारा दिनों-दिन बढ़ता वन संसाधनों का उपभोग है। ऊर्जा, भूमि और पानी की बढ़ती मांग के चलते प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन जारी है। उपभोग संकेतक जैसे - पारिस्थितिक पदचिह्न (Ecological Footprint), इस समग्र संसाधन उपभोग की एक तस्वीर प्रस्तुत करते हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि किस सीमा तक पर्यावरण क्षतिग्रस्त हो चुका है।
पिछले पाँच दशकों में अमेज़न वर्षावन का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा (दुनिया का सबसे बड़ा वर्षावन) विलुप्त हो गया है। उष्णकटिबंधीय वनों की कटाई भी लगातार जारी है, मुख्य रूप से सोयाबीन, ताड़ के वृक्ष और मवेशियों के चरागाह के रूप में इनका इस्तेमाल दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है।
वैश्विक स्तर पर वर्ष 2000 से 2014 के बीच दुनियाभर में 920,000 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र नष्ट हो गया, जो लगभग पाकिस्तान या फ्राँस और जर्मनी के आकार के बराबर क्षेत्र था।
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:maple_leaf: क्षीण होते महासागर
दुनिया भर के सभी प्रमुख समुद्री परिवेशों में प्लास्टिक प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है, महासागरों के किनारों, सतही जल यहाँ तक की गहरे समुद्री हिस्सों तक इसकी मौजूदगी के साक्ष्य पाए जाते हैं, जिसमें दुनिया की सबसे गहरी समुद्री खाई मारियाना ट्रेंच (Mariana Trench) भी शामिल है।
झीलों, नदियों और आर्द्रभूमि जैसे ताज़े पानी के आवासीय क्षेत्र सबसे अधिक खतरे में हैं। ये सभी आवासीय क्षेत्र रूपांतरण, विखंडन और विनाश सहित विदेशी प्रजातियों के आक्रमण, प्रदूषण, बीमारियों और जलवायु परिवर्तन जैसे अन्य कारकों से भी प्रभावित होते हैं।
जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के कारण सबसे अधिक नुकसान कोरल रीफ को पहुँचा है।
तटीय मैंग्रोव वन, जो तीव्र समुद्री तूफानों से बचने में सहायक होते है, की संख्या पिछले 50 वर्षों में घटकर आधे से भी कम हो गई है।
दुनिया भर के सभी प्रमुख समुद्री परिवेशों में प्लास्टिक प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है, महासागरों के किनारों, सतही जल यहाँ तक की गहरे समुद्री हिस्सों तक इसकी मौजूदगी के साक्ष्य पाए जाते हैं, जिसमें दुनिया की सबसे गहरी समुद्री खाई मारियाना ट्रेंच (Mariana Trench) भी शामिल है।
झीलों, नदियों और आर्द्रभूमि जैसे ताज़े पानी के आवासीय क्षेत्र सबसे अधिक खतरे में हैं। ये सभी आवासीय क्षेत्र रूपांतरण, विखंडन और विनाश सहित विदेशी प्रजातियों के आक्रमण, प्रदूषण, बीमारियों और जलवायु परिवर्तन जैसे अन्य कारकों से भी प्रभावित होते हैं।
जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के कारण सबसे अधिक नुकसान कोरल रीफ को पहुँचा है।
तटीय मैंग्रोव वन, जो तीव्र समुद्री तूफानों से बचने में सहायक होते है, की संख्या पिछले 50 वर्षों में घटकर आधे से भी कम हो गई है।
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:sunflower:आयुर्वेद दिवस 5 नवंबर को मनाया जाएगा
आयुष मंत्रालय प्रत्येक वर्ष धनवंतरी जयंती के अवसर पर आयुर्वेद दिवस मनाता है। इस बार आयुर्वेद दिवस 5 नवंबर को मनाया जाएगा। इस उपलक्ष्य में आयुष मंत्रालय नीति आयोग के साथ मिलकर 4 और 5 नवंबर, 2018 को नई दिल्ली में आयुर्वेद में उद्यमिता और व्यापार विकास पर एक संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है। इसका उद्देश्य आयुर्वेद क्षेत्र से जुड़े हितधारकों और उद्यमियों को कारोबार के नए अवसरों के प्रति जागरूक करना है।
आयुष मंत्रालय प्रत्येक वर्ष धनवंतरी जयंती के अवसर पर आयुर्वेद दिवस मनाता है। इस बार आयुर्वेद दिवस 5 नवंबर को मनाया जाएगा। इस उपलक्ष्य में आयुष मंत्रालय नीति आयोग के साथ मिलकर 4 और 5 नवंबर, 2018 को नई दिल्ली में आयुर्वेद में उद्यमिता और व्यापार विकास पर एक संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है। इसका उद्देश्य आयुर्वेद क्षेत्र से जुड़े हितधारकों और उद्यमियों को कारोबार के नए अवसरों के प्रति जागरूक करना है।
[3:12:25 PM
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:sunflower: MSMEs सेक्टर के लिये सहयोग एवं संपर्क कार्यक्रम (Support and Outreach Initiative for MSME sector)
चर्चा में क्यों?
2 नवंबर, 2018 को प्रधानमंत्री ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (MSMEs) सेक्टर के लिये एक ऐतिहासिक सहयोग एवं संपर्क कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के तहत 12 महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं जिनसे देश भर में MSMEs के विकास और विस्तार के साथ-साथ उन्हें सहूलियतें देने में मदद मिलेगी।
सहयोग एवं संपर्क कार्यक्रम के अंतर्गत घोषणाएँ
MSMEs को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के लिये एक लोन पोर्टल लॉन्च करने की घोषणा की गई। इस पोर्टल के ज़रिये सिर्फ 59 मिनट में एक करोड़ रुपए तक के ऋणों को सैद्धांतिक मंज़ूरी दी जा सकती है। GST पोर्टल के ज़रिये इस पोर्टल का एक लिंक उपलब्ध कराया जाएगा।
सभी GST पंजीकृत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिये दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी देने की घोषणा। शिपमेंट से पूर्व और बाद की अवधि में ऋण लेने वाले निर्यातकों के लिये ब्याज में छूट तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पाँच प्रतिशत करने की घोषणा की गई।
पाँच सौ करोड़ रुपए से अधिक टर्नओवर वाली सभी कंपनियों को आवश्यक रूप से व्यापार प्राप्तियाँ ई-डिस्काउंटिंग प्रणाली (TREDS) पोर्टल में शामिल किया जाए। इस घोषणा में शामिल होने से उद्यमी अपनी आगामी प्राप्तियों के आधार पर बैंकों से ऋण ले सकेंगे। इससे उनके नकदी चक्र की समस्याएँ हल हो जाएंगी।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को अब 20 प्रतिशत की बजाय अपनी कुल खरीदारी में से 25 प्रतिशत खरीदारी MSMEs से करने के लिये कहा गया है।
पाँचवी घोषणा महिला उद्यमियों से संबंधित है। MSMEs से की गई आवश्यक 25 प्रतिशत खरीदारी में से 3 प्रतिशत खरीदारी अब महिला उद्यमियों के लिये आरक्षित की गई है।
केंद्र सरकार के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अब आवश्यक रूप से GeM (Government e-Market place) का हिस्सा होना चाहिये। उन्हें अपने सभी विक्रेताओं को GeM से पंजीकृत कराया जाना चाहिये।
पूरे देश में स्थित टूल रूम्स अब उत्पाद डिज़ाइन के महत्त्वपूर्ण हिस्से हैं। पूरे देश में इससे संबंधित 22 केंद्र बनाए जाएंगे और टूल रूम के रूप में 100 स्पोक्स स्थापित किये जाएंगे।
फार्मा क्षेत्र के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिये क्लस्टर बनाए जाएंगे। इन क्लस्टर के निर्माण की लागत का 70 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन करेगी।
9वीं घोषणा सरकारी प्रक्रियाओं के सरलीकरण के बारे में है। इस घोषणा के तहत आठ श्रम कानूनों और 10 केंद्रीय नियमों के अंतर्गत अब साल में एक ही बार रिटर्न फाइल किये जाएंगे।
10वीं घोषणा यह है कि अब प्रतिष्ठानों का निरीक्षक द्वारा किये जाने वाला दौरा कंप्यूटर आधारित औचक आवंटन के जरिये तय किया जाएगा।
इकाई स्थापित करने के संबंध में उद्यमियों को दो क्लीयरेंस की ज़रूरत होती है- पर्यावरण क्लीयरेंस और इकाई स्थापित करने की रजामंदी। 11वीं घोषणा के अंतर्गत वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण नियमों के तहत इन दोनों क्लीयरेंस को एकल अनुमति में समाविष्ट कर दिया गया है। अब रिटर्न, स्व–प्रमाणीकरण के ज़रिये स्वीकार किया जाएगा।
एक अध्यादेश लाया गया है, जिसके तहत कंपनी अधिनियम के संबंध में मामूली उल्लंघनों के लिये उद्यमी को अदालतों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। उन्हें आसान प्रक्रियाओं के तहत दुरुस्त कर लिया जाएगा।
चर्चा में क्यों?
2 नवंबर, 2018 को प्रधानमंत्री ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (MSMEs) सेक्टर के लिये एक ऐतिहासिक सहयोग एवं संपर्क कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के तहत 12 महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं जिनसे देश भर में MSMEs के विकास और विस्तार के साथ-साथ उन्हें सहूलियतें देने में मदद मिलेगी।
सहयोग एवं संपर्क कार्यक्रम के अंतर्गत घोषणाएँ
MSMEs को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के लिये एक लोन पोर्टल लॉन्च करने की घोषणा की गई। इस पोर्टल के ज़रिये सिर्फ 59 मिनट में एक करोड़ रुपए तक के ऋणों को सैद्धांतिक मंज़ूरी दी जा सकती है। GST पोर्टल के ज़रिये इस पोर्टल का एक लिंक उपलब्ध कराया जाएगा।
सभी GST पंजीकृत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिये दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी देने की घोषणा। शिपमेंट से पूर्व और बाद की अवधि में ऋण लेने वाले निर्यातकों के लिये ब्याज में छूट तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पाँच प्रतिशत करने की घोषणा की गई।
पाँच सौ करोड़ रुपए से अधिक टर्नओवर वाली सभी कंपनियों को आवश्यक रूप से व्यापार प्राप्तियाँ ई-डिस्काउंटिंग प्रणाली (TREDS) पोर्टल में शामिल किया जाए। इस घोषणा में शामिल होने से उद्यमी अपनी आगामी प्राप्तियों के आधार पर बैंकों से ऋण ले सकेंगे। इससे उनके नकदी चक्र की समस्याएँ हल हो जाएंगी।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को अब 20 प्रतिशत की बजाय अपनी कुल खरीदारी में से 25 प्रतिशत खरीदारी MSMEs से करने के लिये कहा गया है।
पाँचवी घोषणा महिला उद्यमियों से संबंधित है। MSMEs से की गई आवश्यक 25 प्रतिशत खरीदारी में से 3 प्रतिशत खरीदारी अब महिला उद्यमियों के लिये आरक्षित की गई है।
केंद्र सरकार के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अब आवश्यक रूप से GeM (Government e-Market place) का हिस्सा होना चाहिये। उन्हें अपने सभी विक्रेताओं को GeM से पंजीकृत कराया जाना चाहिये।
पूरे देश में स्थित टूल रूम्स अब उत्पाद डिज़ाइन के महत्त्वपूर्ण हिस्से हैं। पूरे देश में इससे संबंधित 22 केंद्र बनाए जाएंगे और टूल रूम के रूप में 100 स्पोक्स स्थापित किये जाएंगे।
फार्मा क्षेत्र के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिये क्लस्टर बनाए जाएंगे। इन क्लस्टर के निर्माण की लागत का 70 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन करेगी।
9वीं घोषणा सरकारी प्रक्रियाओं के सरलीकरण के बारे में है। इस घोषणा के तहत आठ श्रम कानूनों और 10 केंद्रीय नियमों के अंतर्गत अब साल में एक ही बार रिटर्न फाइल किये जाएंगे।
10वीं घोषणा यह है कि अब प्रतिष्ठानों का निरीक्षक द्वारा किये जाने वाला दौरा कंप्यूटर आधारित औचक आवंटन के जरिये तय किया जाएगा।
इकाई स्थापित करने के संबंध में उद्यमियों को दो क्लीयरेंस की ज़रूरत होती है- पर्यावरण क्लीयरेंस और इकाई स्थापित करने की रजामंदी। 11वीं घोषणा के अंतर्गत वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण नियमों के तहत इन दोनों क्लीयरेंस को एकल अनुमति में समाविष्ट कर दिया गया है। अब रिटर्न, स्व–प्रमाणीकरण के ज़रिये स्वीकार किया जाएगा।
एक अध्यादेश लाया गया है, जिसके तहत कंपनी अधिनियम के संबंध में मामूली उल्लंघनों के लिये उद्यमी को अदालतों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। उन्हें आसान प्रक्रियाओं के तहत दुरुस्त कर लिया जाएगा।
03 P
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🏵 साइबर हमलों के मामले में भारत🏵
इंटरनेट सर्फिंग से जुड़े खतरों के मामले में भारत 12वें स्थान पर है। रूस की साइबर सिक्योरिटी फर्म कैस्परस्की लैब की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई से सितंबर के दौरान भारत में इंटरनेट प्रयोग करने वाले करीब तिहाई लोग साइबर हमलों का शिकार हुए।
दक्षिण एशिया में कंपनी के जनरल मैनेजर श्रेणिक भयानी ने कहा, 'साइबर हमलों के पीछे मुख्य उद्देश्य पैसा ऐंठना होता है।
इंटरनेट प्रयोग करने वालों की बढ़ती तादाद को ध्यान में रखते हुए भारत ऐसे खतरों के प्रति ज्यादा संवेदनशील है। हमें ज्यादा जागरूक होने और बेहतर सुरक्षा की जरूरत है।
रिपोर्ट के अनुसार, हमलावर ज्यादातर ब्राउजर और उनके प्लग-इन के जरिये हमले को अंजाम देते हैं।
कई बार कुछ वेबसाइट को विजिट करते समय यूजर की जानकारी के बिना ही वायरस उनके कंप्यूटर में सेंध लगा देता है।
इसके अलावा किसी सर्वे के नाम पर भी अक्सर यूजर को बहकाकर वायरस वाली फाइल डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
इंटरनेट सर्फिंग से जुड़े खतरों के मामले में भारत 12वें स्थान पर है। रूस की साइबर सिक्योरिटी फर्म कैस्परस्की लैब की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई से सितंबर के दौरान भारत में इंटरनेट प्रयोग करने वाले करीब तिहाई लोग साइबर हमलों का शिकार हुए।
दक्षिण एशिया में कंपनी के जनरल मैनेजर श्रेणिक भयानी ने कहा, 'साइबर हमलों के पीछे मुख्य उद्देश्य पैसा ऐंठना होता है।
इंटरनेट प्रयोग करने वालों की बढ़ती तादाद को ध्यान में रखते हुए भारत ऐसे खतरों के प्रति ज्यादा संवेदनशील है। हमें ज्यादा जागरूक होने और बेहतर सुरक्षा की जरूरत है।
रिपोर्ट के अनुसार, हमलावर ज्यादातर ब्राउजर और उनके प्लग-इन के जरिये हमले को अंजाम देते हैं।
कई बार कुछ वेबसाइट को विजिट करते समय यूजर की जानकारी के बिना ही वायरस उनके कंप्यूटर में सेंध लगा देता है।
इसके अलावा किसी सर्वे के नाम पर भी अक्सर यूजर को बहकाकर वायरस वाली फाइल डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
:hibiscus: भारत ने संयुक्त राष्ट्र के शान्ति मिशन के लिए जितने लाख डॉलर का योगदान दिया-3 लाख डॉलर
:hibiscus: हाल ही में भारत में परिवर्तित सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमान को जिस भारतीय सेना में शामिल किया गया- भारतीय वायुसेना
:hibiscus: किसानों की आय जिस वर्ष तक दोगुना करने के लिए बनी राज्यपालों की समिति ने राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट दे दी है-2022
:hibiscus: इन्हें हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय का निदेशक नियुक्त किया गया- संजय मिश्रा
:hibiscus: इन्हें हाल ही में ब्राज़ील का राष्ट्रपति घोषित किया गया - जेयर बोलसोनारो
:hibiscus: ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और स्ट्रटीजिक फोरसाइट ग्रुप (SFG) की रिपोर्ट में इस देश को सीरिया से भी तीन गुना अधिक खतरनाक बताया गया है – पाकिस्तान
:hibiscus: केन्या के निवासी एवं धावक जिन्होंने 58 मिनट 18 सेकंड से नया वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाते हुए पहला स्थान हासिल किया - अब्राहम किपटुम
:hibiscus: इसरो के पूर्व चीफ का नाम जो हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए – माधवन नायर
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